- बहराइच में गिरिजापुरी बैराज से घाघरा नदी में छोड़ा गया 2.45 लाख क्यूसेक पानी, नदी के टापू पर फंसे सौ से अधिक लोग, हड़कंप
- घाघरा नदी में टापू पर फंसे लोगों को रेस्क्यू करने में जुटा प्रशासन, गिरिजापुरी बैराज पर रणनीति बनाने में जुटे प्रशासनिक अधिकारी
- देर रात तक एनडीआरएफ की मदद से 63 लोगों को किया गया रेस्क्यू
उवेश रहमान/जुनैद खान : बहराइच। नेपाल के पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी वर्षा के चलते नेपाल से आने वाली नदियों का जल स्तर अचानक बढ़ गया है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से चौधरी चरण सिंह गिरिजापुरी बैराज से घाघरा नदी में भी बैराज से घाघरा नदी में 2.45 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। अचानक बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते नदी के टापू पर रह रहे सौ से अधिक लोग फंस गए हैं। इसकी सूचना के बाद हड़कंप मच गया है। नदी में टापू पर फंसे लोगों को निकालने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मंथन कर रहे हैं, एनडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू शुरू किया गया है, देर रात तक एनडीआरएफ की मदद से 63 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
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आपको बताते चलें कि घाघरा नदी में चौधरी चरण सिंह गिरिजापुरी बैराज से शुक्रवार देर शाम को 2 लाख 45 हजार 477 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने लगा जिससे घाघरा नदी में जलस्तर अचानक बढ़ने लगा, नदी में टापू के बीच में खेती और पशुपालन के लिए रह रहे लोग नदी के बढ़े जलस्तर में फंस गए हैं।
100 से अधिक लोगों के घाघरा नदी के बीच खेतों में फंसे होने की खबर से हड़कंप मच गया है। पुलिस व प्रशासन की टीम घाघरा बैराज पर मौजूद है, एसडीएम संजय कुमार व थानाध्यक्ष सौरभ सिंह के नेतृत्व में रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है।
उप जिलाधिकारी संजय कुमार व थानाध्यक्ष सौरभ सिंह ने बताया कि पहली शिफ्ट में नाव के सहारे 63 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। एनडीआरएफ के साथ मोतीपुर, मुर्तिहा व सुजौली थाने की पुलिस टीम मौके पर मौजूद है। घाघरा के टापू पर फंसे हुए चहलवा ग्राम पंचायत के और लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में टीम जुटी है।
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