UPKeBol : हल्द्वानी। बरेली जिले में तैनात एक कांस्टेबल स्मैक की तस्करी कर रहा था। SOG की टीम और नैनीताल पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में सिपाही को उसके साथियों समेत दबोच लिया गया। दोनों साथी छात्र हैं एक बीडीएस कर रहा है दूसरा एमसीए की पढ़ाई कर रहा है, तीनों के कब्जे से 1 किलो 75 ग्राम स्मैक बरामद हुई है। जिसे अब तक की मादक द्रव्य बरामद की सबसे बड़ी खेप माना जा रहा है। बरामद स्मैक को सीज कर आरोपियों को जेल भेजा गया है। पकड़े गए कांस्टेबल के बारे में नैनीताल पुलिस और SOG अन्य व्यौरा जुटा रहे हैं। स्मैक तस्करी में बरेली के कांस्टेबल के पकड़े जाने के बाद यूपी के पुलिस महकमे में भी हड़कंप मचा हुआ है।
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बरामद एक किलो 75 ग्राम स्मैक की कीमत है एक करोड़, सिपाही के दो अन्य साथी भी दबोचे गए, एक है बीडीएस दूसरा एमसीए का छात्र
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि लाल कुआं क्षेत्र में चेकिंग पॉइंट पर एक बाइक पर सवार तीन युवक पहुंचे पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो तीनों ने भागने का प्रयास किया इस पर SOG और पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर बाइक सवार तीनों युवको को दबोच लिया। एसएसपी ने बताया कि तलाशी के दौरान तीनो के कब्जे से 1.75 किलोग्राम स्मैक बरामद हुई, इस पर बरामद स्मैक और बाइक को कब्जे में लेते हुए तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान पता चला कि तीनों युवक उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इनकी पहचान मोरपाल, अर्जुन पांडे और रविंद्र सिंह के रुप में हुई है। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि पकड़े गए तीनों युवकों में से रविंद्र सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर बरेली जिले में तैनात है। उसके बारे में अन्य ब्यौरा जुटाया जा रहा है। वही मोरपाल बीडीएस की पढ़ाई कर रहा है जबकि अर्जुन पांडे एमसीए का छात्र है।
एसएसपी ने कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में स्मैक की बरामदगी अब तक नहीं हुई थी, यह नशा कारोबारियों की धर पकड़ में अब तक की सबसे बड़ी खेप है।
उत्तराखंड में सिपाही ने फैला रखा था अपना तस्करी का नेटवर्क
उत्तराखंड से लगते बरेली जिले के कई सीमावर्ती गांव मादक द्रव्य तस्करी का अड्डा बने हुए हैं। स्मैक तस्करी में पकड़ा गया सिपाही रविंद्र सिंह मूलतः बागपत जिले का रहने वाला है वह 2021 बैच का सिपाही है, वर्तमान में रविंद्र कैंट थाने में तैनात है। वह स्मैक की सप्लाई तस्करों से सांठगांठ कर उत्तराखंड में करता था। एसओजी और नैनीताल पुलिस को उसकी काफी दिनों से तलाश थी।
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